24 फ़रवरी, 2010

रंग रूप वेश भाषा सारे ही एक हैं

मेरा डूंगरपुर वाकई अद्भुत, अनूठा और गौरवशाली है। यहां की अनूठी परम्‍पराएं, भोले भाले लोग और वैभवशाली संस्‍कृति वास्‍तव में सबसे अलग ही है। कुछ दिनों पहले देश का सबसे बड़ा आदिवासी मेला जिले के बेणेश्‍वर धाम पर आयोजित हुआ, इसमें लाखों जनजातिजन भी सम्मिलित हुए। कुछ नज़ारे वास्‍तव में आकर्षित करने वाले थे। आदिवासी बालाएं मेले का लुत्‍फ उठाने के लिए सजधज कर एक ही वेशभूषा में मेले का आनंद उठाती नज़र आई। आकर्षक नज़ारा यही तथ्‍य उद्घाटित कर रहा था - हिन्‍द देश के निवासी सभी जन एक है, रंग रूप वेश भाषा सारे ही एक है ।








dqN fnuksa igys

1 टिप्पणी: