21 अगस्त, 2009

मंदिर जहां फूल नहीं पत्‍थर चढाए जाते हैं

अजब अनूठी सांस्‍कृतिक परंपराओ का धनी वागड अंचल अपने चमत्‍कारिक और विशिष्‍ट जनश्रुतियों वाले देवालयों के लिए भी जाना जाता है। अपने गौरवमयी इतिहास के धनी अन्‍य देवालयों के साथ ही वागड अंचल के डूंगरपुर जिले में एक ऐसा भी मंदिर है जहां पर देवता को प्रसन्‍न करने के लिए फूल नहीं अपितु पत्‍‍थर चढाए जाते हैं। जिला मुख्‍यालय से माञ पांच किलोमीटर की दूरी पर सुन्‍दरपुर गांव के समीप स्थित है यह अनोखा मंदिर। सडक किनारे सटा हुआ यह छोटा सा मंदिर देखने में जरूर छोटा है पर इससे जुडी अनोखी बात के लिए यह बेहद चर्चित है। संभवत देशभर में यह एकमाञ मंदिर होगा जहां देवता को पत्‍थर चढा कर प्रसन्‍न करने के जतन किए जाते हैं। इन अनोखी बात के लिए इलेक्‍ट्रोनिक और प्रिन्‍ट मीडिया में भी यह मंदिर चर्चा में आया है।
पत्‍थर चढाने की परिपाटी के बारे मे पूछने पर गांव वाले कुछ प्रमाणिक तथ्‍य तो नहीं दे पाए अलबत्‍ता बताया कि एक दूसरे को पत्‍थर चढाते देखते देखते अन्‍य लोगों ने भी उत्‍सुकतावश पत्‍थर चढाना प्रारंभ किया और धीरे धीरे एक परिपाटी सी बन गई है। काफी कुरेदने पर तथ्‍य पता चला कि किसी वक्‍त इसी स्‍थान पर दुर्घटना में किसी ट्रेक्‍टर चालक की मौत हो गई थी। चालक ट्रेक्‍टर में पत्‍थर भरकर ले जा रहा था। उसके परिजनों ने उसकी याद में छोटा सा मंदिर बनाया तो अन्‍य ट्रेक्‍टर चालकों ने दिवंगत आत्‍मा के क्रोध से बचने के लिए यहां से गुजरते वक्‍त अपने ट्रेक्‍टर में भरे पत्‍थरों में से एक पत्‍थर दिवंगत की याद में चढाना प्रारंभ किया और धीरे धीरे यह परिपाटी चल पडी। आज स्थिति यह है कि छोटे से मंदिर के पीछे श्रद़धालुओं द्वारा चढाए गए पत्‍थरों के दो ढेर पहाड जैसे दिखाई पडते हैं। वास्‍तविकता जो कुछ भी हो परंतु जनश्रद़धा में चढाया हुआ एक एक पत्‍थर यहां से गुजरने वाले हजारो लाखों लोगों की श्रद़धाओं के पहाड रूप में इस स्‍थान विशिष्‍टता को उजागर जरूर करते हैं।
थोडा नजर नीचे भी डाले तो मंदिर और उसके पीछे श्रद़धालुओं द्वारा चढाए गए पत्‍थरों के ढेर दिखाई दे रहे हैं।

19 अगस्त, 2009

बरखा बहार आई


मेह बाबा कुछ मेहरबान हुआ और बरखा बहार आई। वागड में यो तों पर्याप्‍त बारिश नहीं हुई पर डूंगपुर जिले के कुछ बांध लबालब हो गए। कई छोटे छोटे एनीकट बह निकले। जिले के डिमीया व मारगिया बांध लबालब होकर छलक गए और इन पर मनोहारी नजारा बन पडा। आपके लिए खेतों, एनीकट और मारगिया बांध के इस नजारे को सहेज कर परोसा जा रहा है। आप भी शामिल हो जाईये और गाइये ़़़ बरखा बहार आई़़़़़़




डूंगरपुर जिले के मारगिया बांध का सौन्‍दर्य अद़भुत है, अतुलनीय है। कई पहाडों के घेरे में समाई हुई अथाह जलराशि वैसे ही एक नजर में हर किसी को आकर्षित कर लेती है और जब यह लबालब होकर छलकता है तो इसका सौन्‍दर्य द्विगुणित हो जाता है। सिर्फ फोटोग्राफ देखने से मन संतुष्‍ट नहीं होगा। मैने निसर्ग सौन्‍दर्यप्रेमियों के लिए एक विडियो क्लिप्‍स भी बनाया है आपके मध्‍य रखना चाहूंगा---- शायद पसंद आएगा।