आज तक आपने कभी सुना या देखा नहीं होगा कि किसी जगह खून बहाकर होली खेली जाती है। आईये मैं आपको दिखाता हूँ मेरे डूंगरपुर जिले के एक गांव भीलूड़ा में सदियों से एक दूसरे पर पत्थर बरसा कर खून बहाया जाता है और होली का आनंद उठाया जाता है। जी हां, यदि आप इस दृश्य से रुबरू होना चाहते है तो देखे नीचे दिया गया विडियो या पहुंचे डूंगरपुर जिले के भीलूड़ा गांव धुलेण्डी के दिन ।
http://www.youtube.com/user/dungarpurnews#p/a/u/0/-cthki8rwE0
25 फ़रवरी, 2010
24 फ़रवरी, 2010
रंग रूप वेश भाषा सारे ही एक हैं
मेरा डूंगरपुर वाकई अद्भुत, अनूठा और गौरवशाली है। यहां की अनूठी परम्पराएं, भोले भाले लोग और वैभवशाली संस्कृति वास्तव में सबसे अलग ही है। कुछ दिनों पहले देश का सबसे बड़ा आदिवासी मेला जिले के बेणेश्वर धाम पर आयोजित हुआ, इसमें लाखों जनजातिजन भी सम्मिलित हुए। कुछ नज़ारे वास्तव में आकर्षित करने वाले थे। आदिवासी बालाएं मेले का लुत्फ उठाने के लिए सजधज कर एक ही वेशभूषा में मेले का आनंद उठाती नज़र आई। आकर्षक नज़ारा यही तथ्य उद्घाटित कर रहा था - हिन्द देश के निवासी सभी जन एक है, रंग रूप वेश भाषा सारे ही एक है ।.jpg)
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