कर्णप्रिय संगीत, मीठे और प्यारे संवादों से दूर इंसानों की एक ऐसी दुनिया होती है जहां पर आवाज या संगीत नाम की कोई चीज नहीं होती। ऐसी ही एक दुनिया होती है मूक-बधिरों की दुनिया । जहां ईशारे ही भाषा का कार्य करते हैं और ईशारों से ही विचारों, भावनाओं की अभिव्यक्ति होती है। गत दिनों एक ऐसा ही नज़ारा दिखाई दिया। आप भी देखे कैसी होती है ईशारों की भाषा।
12 अक्टूबर, 2009
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बहुत खूब -- अनबोले बोल
जवाब देंहटाएंबहुत सही।
जवाब देंहटाएंbadhiya.
जवाब देंहटाएंsabse achhi bhasha vahi hai jisme kam se kam bat kahni parati hai. Dr. Mohanlal Gupta, Jodhpur
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