राजस्थान के दक्षिणांचल वागड़ में मछली के शिकार का अनूठा पारंपरिक तरीका विद्यमान है। इसमें एक थाली के उपर कपड़ा बांधा जाता है और इस कपड़े के बीचों बीच मछली के आकार का छेद किया जाता है। थाली के कपड़े को भिगाकर इस छेद के चारो ओर आटा लगा दिया जाता है। इसके बाद इस थाली को छिछले पानी में जाकर रख दिया जाता है। आधे एक घण्टे के बाद थाली को निकाल कर देखा जाता है तो इसमे ढेर सारी मछलियां पकड़ में आ जाती है। इसके बाद इन मछलियों को धोकर भोजन में इस्तेमाल किया जाता है। अब आप खुद ही देखिये भला कैसे होता है ऐसा अनूठा शिकार ।
19 नवंबर, 2009
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इंसान कैसी कैसी चाल करता है निरीह जंतुओं को मरने का !!
जवाब देंहटाएंअगर छोटी मछलियों जैसे सधरी(Puntius ) आदि पकड़ना है तो ठीक मगर इससे बड़ी मछलियों के छोटे बच्चे फँस कर मत्स्य संपदा को काफी नुक्सानकर सकते हैं !
जवाब देंहटाएंगज़ब...न कभी देखा ना सुना...
जवाब देंहटाएंनीरज