03 अक्तूबर, 2010

गांधी जयन्ती पर डूंगरपुर ने रचा इतिहास Exclusive News from Dungarpur

डूंगरपुर जिला गाँधी जयंती पर कुछ खास नज़र आया. आइये देखते है कि डूंगरपुर ने क्या खास किया.

खास खबर देखने के लिए नीचे दिए गए लिंक को क्लिक करे.

http://www.journalisttoday.com/online-news/haryana-news/7093-2010-10-02-13-00-२२

http://www.pressnote.in/rajasthan-news_95686.हटमल

http://www.pratahkal.com/News/ReadNews.aspx?ID=१६२१९

http://www.khaskhabar.com/narega-workers-innogerate-the-statue-of-mahatma-gandhi-102010022214138673.html

22 मार्च, 2010

बिन पानी सब सून - - - -

आज विश्‍व जल दिवस है, पानी सीमित है ऐसे में सभी लोगों को भी इसे सुरक्षित रखने के लिए प्रयास करने होंगे। डूंगरपुर शहर के बीच ऐतिहासिक गेपसागर झील है। हमारा सौभाग्‍य है कि हमें प्रकृति ने इतना मनोरम वरदान दिया है। शहर की शान गेपसागर झील के पार्श्‍व भाग में उगे कमलदलों के बीच से लिया गया यह फोटोग्राफ विश्‍व जल दिवस और गेपसागर के जल को सुरक्षित रखने के लिए संदेश देता प्रतीत होता है। सुधी पाठकों के लिए प्रस्‍तुत है।

03 मार्च, 2010

होली की मस्‍ती में अंगारों पर दौड़ते ग्रामीण

फागुनी मस्‍ती का पर्व होली डूंगरपुर जिले में अनोखे ढंग से मनाया जाता है। यह वही जिला है जहां पर पत्‍‍थरमार होली का आयोजन भी होता है। इसी जिले के एक गांव कोकापुर में होली की मस्‍ती में ग्रामीण जलती हुई होलिका के दहकते अंगारों पर चलकर श्रद्धाभिव्‍यक्ति करते हैं। आईये देखते है अंगारों पर चलकर ग्रामीण किस तरह होली का आनंद उठाते हैं।
http://www.youtube.com/watch?v=rqJUul0Iim4

25 फ़रवरी, 2010

डूंगरपुर की खूनी होली

आज तक आपने कभी सुना या देखा नहीं होगा कि किसी जगह खून बहाकर होली खेली जाती है। आईये मैं आपको दिखाता हूँ मेरे डूंगरपुर जिले के एक गांव भीलूड़ा में सदियों से एक दूसरे पर पत्‍थर बरसा कर खून बहाया जाता है और होली का आनंद उठाया जाता है। जी हां, यदि आप इस दृश्‍य से रुबरू होना चाहते है तो देखे नीचे दिया गया विडियो या पहुंचे डूंगरपुर जिले के भीलूड़ा गांव धुलेण्‍डी के दिन ।
http://www.youtube.com/user/dungarpurnews#p/a/u/0/-cthki8rwE0

24 फ़रवरी, 2010

रंग रूप वेश भाषा सारे ही एक हैं

मेरा डूंगरपुर वाकई अद्भुत, अनूठा और गौरवशाली है। यहां की अनूठी परम्‍पराएं, भोले भाले लोग और वैभवशाली संस्‍कृति वास्‍तव में सबसे अलग ही है। कुछ दिनों पहले देश का सबसे बड़ा आदिवासी मेला जिले के बेणेश्‍वर धाम पर आयोजित हुआ, इसमें लाखों जनजातिजन भी सम्मिलित हुए। कुछ नज़ारे वास्‍तव में आकर्षित करने वाले थे। आदिवासी बालाएं मेले का लुत्‍फ उठाने के लिए सजधज कर एक ही वेशभूषा में मेले का आनंद उठाती नज़र आई। आकर्षक नज़ारा यही तथ्‍य उद्घाटित कर रहा था - हिन्‍द देश के निवासी सभी जन एक है, रंग रूप वेश भाषा सारे ही एक है ।








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23 जनवरी, 2010

खुशी मिली इतनी कि

इन दिनों पूरा राजस्‍थान गांवों की सरकार चुन रहा है। ऐसा ही कुछ डूंगरपुर जिले में भी हो रहा है। कल देर राञि ग्राम पंचायतों के सरपंचों के लिए मतदान उपरान्‍त मतगणना हुई और अल सुबह ही अधिकांश ग्राम पंचायतों के लिए चयनित सरपंचों की घोषणा भी हुई। इस घोषणा के बाद तो इस अंचल के गांव गांव में जैसे जश्‍न का माहौल था। कुछ युवा तो इतने उत्‍साहित थे कि अपनी खुशी का इजहार करते करते खुद को भी भूल गए। एक ऐसा ही नजारा आज सुबह ही एक गांव में दिखाई दिया तो सोचा इसे अविस्‍मरणीय नजारे को आप सभी के साथ शेअर किया जाए। लीजिए प्रस्‍तुत है खुशी मिली इतनी शीर्षक से यह नजारा, नीचे दिए गए लिंक को भी क्लिक कर इस विडियो का आनंद उठाया जा सकता है
http://www.youtube.com/user/dungarpurnews#p/a/u/0/S23v_PLorfY


11 जनवरी, 2010

सिर्फ एक फोटो

कुछ व्‍यस्‍तताओं के कारण कई दिनों के बाद यह पोस्‍ट कर रहा हूँ, शायद इस वर्ष की यह पहली पोस्‍ट होगी। इस फोटो के साथ इस वर्ष के क्रियेशन का शुभारंभ करता हूँ, शायद पोस्‍ट पसंद आएगी।